उम्मीदें हैं रिश्तों से.......
उम्मीद है की कल बेहतर होगा.
लेकिन यह उम्मीद है क्या?
रिश्तों की दुनिया में हाथ में पकड़ा एक कटोरा..
जो दे उसका भला .. जो न दे उसका बुरा...?
इस कटोरे को किसी नदी के पात्र में बहा दो बंधू..
उम्मीद रिश्तों में ज़हर है...
रिश्ते बिना किसी उम्मीद के .. सहर है,
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